श्री गुरुनाथन जी
श्री ए वितरिवेलु जी
चेन्नई के सबसे सम्माननीय एवं प्रतिष्ठित गुजरातियों में से एक श्री हरेशभाई शाह जिन्हे पिछले 5 साल से दाहिने पैर में एक्जिमा था और वे चेन्नई एवं तमिलनाडु के बड़े-बड़े डॉक्टरों से अपना उपचार करवा चुके थे लेकिन फिर भी उन्हे थोड़ा भी लाभ नहीं मिला| फिर पंचगव्य से अपना उपचार करवाने के मात्र 6 माह के भीतर ही उनका पूरा एक्जिमा जड़ से ठीक हो गया और उसका निशान भी पूरी तरह से खत्म हो गया|
चेंगलपट्टु, चेन्नई के लकड़ी फ़र्निचर के निर्यातक श्री चंदूलाल पटेल जिन्हे हृदय में दो अवरोध (Blockage) थे| भारत के सबसे माने हुए चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में एंजियोग्राफी करवाने के बाद भी डॉक्टरों ने इन्हे जीवनभर दवाई खाने का कहा था, लेकिन इसके बाद भी इन्हे कोई आराम नहीं मिला तब राजीव भाई से गौमाता और गौमूत्र की जानकारी मिलने पर अपना उपचार पंचगव्य से शुरू किया और बीच में व्यवसाय की परेशान आने की वजह से कुछ समय लापरवाही बरतने के बावजूद दो साल के अंदर इनका हृदय का अवरोध पूरी तरह ठीक हो गया और आज यह पूरी तरह स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है और इस पंचगव्य चिकित्सा पद्धति का अपने संपर्क में आने वाले रोगियों के बीच प्रचार करके उनका जीवन भी बचा रहे है|
काँचीपुरम एवं चेन्नई के बहुत ही माने हुए पशु चिकित्सक श्री स्वामी नारायण जी जिन्हे 17 साल से नींद नहीं आती थी और साथ ही कब्जियत, बवासीर आदि कई गंभीर रोग थे| इनका पेट 3 से 4 दिन में एक बार थोड़ा बहुत साफ होता था| इतनी बीमारियों से परेशान होकर इन्होने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की लेकिन हर बार बच गए| फिर एक बार गौशाला एवं अनुसंधान केंद्र के बारे में जानकारी मिलने पर वे गौशाला आए और अपना उपचार पंचगव्य से लेने का अनुरोध किया| उपचार शुरू करने के मात्र 3 दिन के भीतर ही इन्हे नींद आने लगी और 15 दिन में 5-6 घंटे सोने लगे तथा कब्ज भी ठीक हो गया
चेन्नई नगर की एक आम गृहिणी श्रीमती गुणवंती जी जिन्हे पिछले 2 साल से बहुत ही ज्यादा जोड़ों का दर्द था जिसकी वजह से वे सिड़ीयां चड़ना तो दूर चल पाने में भी असमर्थ हो गयी थी| अपनी बीमारी से तंग आकार उन्होने गौशाला में ही रहकर अपना उपचार पंचगव्य से करवाना चाहा| 15 दिन गौशाला में रहने के बाद मात्र कुल 1 माह में पूरी तरह से स्वस्थ होकर अब अपना जीवन सुखमय तरीके से व्यतीत कर रही है|
चेन्नई के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट जो किडनी के कैंसर से पीड़ित थे, पंचगव्य से चिकित्सा लेने के बाद वे अब पूरी तरह से स्वस्थ है
Safest thearapy for chronic disorders
thik